Thursday, 22 January 2015

24 जनवरी, (शनिवार), वसंत पंचमी पर ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा, ये हैं शुभ मुहूर्त जाने

24 जनवरी, शनिवार - वसंत पंचमी का पर्व है। हमारे हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन मां सरस्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है। मां सरस्वती को विद्या, बुद्धि, ज्ञान, संगीत और कला की देवी माना जाता है। व्यावहारिक रूप से विद्या तथा बुद्धि व्यक्तित्व विकास के लिए जरुरी है।


हमारे हिंदू शास्त्रों के अनुसार विद्या से विनम्रता, विनम्रता से पात्रता, पात्रता से धन और धन से सुख मिलता है। वसंत पंचमी के दिन यदि विधि-विधान से माँ सरस्वती की पूजा की जाए तो विद्या व बुद्धि के साथ सफलता भी निश्चित मिलती है। वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा इस प्रकार करें-




पूजन विधि: 

- सुबह स्नान कर पवित्र आचरण, वाणी के संकल्प के साथ माता सरस्वती की पूजा करें।
- पूजा में गंध, अक्षत (चावल) के साथ खासतौर पर सफेद और पीले फूल, सफेद चंदन तथा सफेद वस्त्र देवी सरस्वती को चढ़ाएं।
- प्रसाद में पीले चावल, खीर, दूध, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू, घी, नारियल, शक्कर व मौसमी फल चढ़ाएं।
- इसके बाद माता सरस्वती से बुद्धि और कामयाबी की कामना कर, घी के दीप जलाकर आरती करें।

जिन विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में नहीं लगता है, वे यदि मां सरस्वती का नित्य पूजन करें तो उन्हें अतिशीघ्र लाभ होता है। विद्यार्थी यदि नीचे लिखी स्तुति का पाठ मां सरस्वती के सामने करे तो उसकी स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।


सरस्वती स्तुति

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा ।।1।।
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थितां
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।2।।

हमारे हिन्दू वेदों के अनुसार अष्टाक्षर मंत्र देवी सरस्वती का मूल मंत्र है- श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा। आप जब भी माँ  सरस्वती की पूजा करें तव  भोग अर्पित करें तो इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। माँ सरस्वती के पूजन के समय निम्नलिखित श्लोकों से माँ  सरस्वती का ध्यान करें-

सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
सुपूजितां सुरगणैब्र्रह्मविष्णुशिवादिभि:।।
वन्दे भक्तया वन्दिता च मुनीन्द्रमनुमानवै:।

पूजन के शुभ मुहूर्त

24 January, 2015
Month: Maagh, Nakshatra: Purva Bhadrapad
Tithi: Shukl Paksh
Festival: Vashanti Panchami, Sraswati Pooja
- सुबह 09:30 से 11:40 बजे तक
- दोपहर 01:00 से शाम 5:00 बजे तक
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