महाशिवरात्रि के विशेष पर्व - फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 17 फरवरी, मंगलवार को है। इस दिन यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। महाशिवरात्रि पर किए जाने वाले सरल प्रभावशाली उपाय इस प्रकार हैं-
शिवरात्रि पर्व के अवसर शिवलिंग को कराएं इन 10 चीजों से स्नान कराये -
शिवरात्रि पर्व के अवसर पर शिवजी को प्रसन्न करने के लिए यहां एक उपाय बताया जा रहा है। उपाय के अनुसार शिवलिंग को दस चीजों से स्नान कराना है। यहां जानिए ये दस चीजें कौन-कौन सी हैं और इनसे कौन से लाभ प्राप्त हो सकते हैं...
ये हैं दस पवित्र चीजें
1. जल, 2. दूध, 3. दही, 4. शहद, 5. घी, 6. शकर, 7. ईत्र, 8. चंदन, 9. केशर, 10. भांग (विजया औषधि)
इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक-एक चीज से शिवजी को स्नान करवा सकते हैं।
शिवपुराण में बताया गया है कि इन चीजों से शिवलिंग को स्नान कराने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। स्नान करवाते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए।
इस उपाय करने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं-
- मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत होता है। आचरण स्नेहमय होता है।
- शहद चढ़ाने से हमारी वाणी में मिठास आती है।
- दूध अर्पित करने से उत्तम स्वास्थ्य मिलता है।
- दही चढ़ाने से हमारा स्वभाव गंभीर होता है।
- शिवलिंग पर घी अर्पित करने से हमारी शक्ति बढ़ती है।
- ईत्र से स्नान करवाने से विचार पवित्र होते हैं।
- शिवजी को चंदन चढ़ाने से हमारा व्यक्तित्व आकर्षक होता है। समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
- केशर अर्पित करने से हमें सौम्यता प्राप्त होती है।
- भांग चढ़ाने से हमारे विकार और बुराइयां दूर होती हैं।
- शकर चढ़ाने से सुख और समृद्धि बढ़ती है।
महाशिवरात्रि के विशेष पर्व पे - शास्त्रो के अनुसार जानिए कौन सा अनाज भगवान शिव को चढ़ाने से क्या फल मिलता है-
- भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
- तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।
- जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।
- गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।
यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए।
शास्त्रो के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से उसका क्या फल मिलता है-
- ज्वर (बुखार) होने पर भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
- नपुंसक व्यक्ति अगर घी से भगवान शिव का अभिषेक करे, ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान संभव है।
- तेज दिमाग के लिए शक्कर मिश्रित दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
- सुगंधित तेल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर समृद्धि में वृद्धि होती है।
- शिवलिंग पर ईख (गन्ना) का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
- शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
- मधु (शहद) से भगवान शिव का अभिषेक करने से राजयक्ष्मा (टीबी) रोग में आराम मिलता है।
शास्त्रो के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन का फूल चढ़ाया जाए तो उसका क्या फल मिलता है-
- लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।
- अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
- शमी पत्रों (पत्तों) से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
- बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है।
- जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
- कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं।
- हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
- धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है।
- लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।
- दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है।
संतान प्राप्ति के लिए उपाय
महाशिवरात्रि के पर्व पर सुबह जल्दी उठकर नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर भगवान शिव का पूजन करें। इसके पश्चात गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं। अब प्रत्येक शिवलिंग का शिवमहिम्नस्त्रोत से जलाभिषेक करें। इस प्रकार 11 बार जलाभिषेक करें। उस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
यह प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें। गर्भ की रक्षा के लिए और संतान प्राप्ति के लिए गर्भगौरी रुद्राक्ष भी धारण करें। इसे किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त देखकर धारण करें।
बीमारी ठीक करने के लिए विशेष उपाय
महाशिवरात्रि के दिन पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक करते समय ऊं जूं स: मंत्र का जाप करते रहें।
इसके बाद भगवान शिव से रोग निवारण के लिए प्रार्थना करें और प्रत्येक सोमवार को रात में सवा नौ बजे के बाद गाय के सवा पाव कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने का संकल्प लें। इस उपाय से बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है।
कालसर्प दोष का विशेष उपाय -
महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद किसी शिव मंदिर में जाकर या घर पर ही अकेले में भगवान शिव की प्रतिमा के सामने महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें। प्रत्येक मंत्र जाप के साथ एक बिल्वपत्र भगवान शिव पर चढ़ाते रहें।
मंत्र
ऊँ हौं ऊं जूं स: भूर्भुव: स्व: त्र्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवद्र्धनम्।
उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् भूर्भुव: स्वरों जूं स: हौं ऊं।।
इसके बाद प्रत्येक दिन इस मंत्र का जाप 108 बार करें। यदि यह संभव न हो तो जितना जाप आप कर सकें, उतना ही करें। इस उपाय से कालसर्प दोष का असर कम होने लगेगा तथा हर कार्य में सफलता मिलने लगेगी।
कालसर्प दोष निवारण के अन्य उपाय
- महाशिवरात्रि के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा करें और सफेद फूल के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। कालसर्प दोष से राहत पाने का ये अचूक उपाय है।
- महाशिवरात्रि पर सुबह स्नान आदि करने के बाद किसी शिव मंदिर में जाकर लघु रुद्र का पाठ स्वयं करें या किसी योग्य पंडित से करवाएं। ये पाठ विधि-विधान पूर्वक होना चाहिए।
- सफेद फूल, बताशे, कच्चा दूध, सफेद कपड़ा, चावल व सफेद मिठाई बहते हुए जल में प्रवाहित करें और कालसर्प दोष की शांति के लिए शेषनाग से प्रार्थना करें।
- महाशिवरात्रि के दिन गरीबों को अपनी शक्ति के अनुसार दान करें व नवनाग स्तोत्र का पाठ करें। शाम के समय पीपल के वृक्ष की पूजा करें तथा पीपल के नीचे दीपक जलाएं।
- कालसर्प यंत्र की स्थापना करें। प्रतिदिन विधि-विधान पूर्वक इसका पूजन करने से भी कालसर्प दोष से राहत मिलती है।
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