Saturday, 31 May 2014

कार्य करने से पहले इन 3 में से कोई भी मंत्र बोल कर शुरू करें काम, होगा जबर्दस्त फायदा मिलेगा

सफलता व लाभ देने वाली ये देवशक्तियां व उनके आसान देव मंत्र का नियमित स्मरण करने से - जबर्दस्त फायदा
शास्त्रों में ऐसे तीन खास देव मंत्र  भी बताए गए हैं, जो कि जीवन के हर कार्य मे , जैसे कि नौकरी हो या कारोबार हर दिन काम शुरू करने से पहले मन ही मन भी बोले जाएं तो हर तरह से भरपूर फायदा सफलता देते हैं।

सूर्य मन्त्र (Sun Surya Mantra)
ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः |  ( 3 या 5 माला का जप प्रतिदिन )
रत्न - माणिक्य ,  भोजन - नमक रहित गेँहू से बना |

सूर्य अर्घ्य मन्त्र (Surya Ardhya Mantra)
एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते
अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर

जानिए सफलता लाभ देने वाली ये देवशक्तियां उनके आसान देव मंत्र   स्तुति -

                     

1.गणेशजी- श्रीगणेश विघ्रों को दूर कर सफलता देने वाले प्रथम पूजनीय देवता है। इसलिए काम की शुरुआत में यह मंत्र गणेश मंत्र बोलें-   गं गणपतये नमः।

गणपति पूजन
हाथ में फूल लेकर गणपति का ध्यान करें। मंत्र पढ़ें- गजाननम्भूतगणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्। उमासुतं शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्। हाथ में अक्षत लेकर गणपति का आवाहन: करें ऊं गं गणपतये इहागच्छ इह तिष्ठ।। इतना कहकर पात्र में अक्षत छोड़ें।
अर्घा में जल लेकर बोलें- एतानि पाद्याद्याचमनीय-स्नानीयं, पुनराचमनीयम् ऊं गं गणपतये नम:। रक्त चंदन लगाएं: इदम रक्त चंदनम् लेपनम् ऊं गं गणपतये नम:, इसी प्रकार श्रीखंड चंदन बोलकर श्रीखंड चंदन लगाएं। इसके पश्चात सिन्दूर चढ़ाएं "इदं सिन्दूराभरणं लेपनम् ऊं गं गणपतये नम:। दुर्वा और विल्बपत्र भी गणेश जी को चढ़ाएं। गणेश जी को वस्त्र पहनाएं। इदं पीत वस्त्रं ऊं गं गणपतये समर्पयामि।

पूजन के बाद गणेश जी को प्रसाद अर्पित करें: इदं नानाविधि नैवेद्यानि ऊं गं गणपतये समर्पयामि:। मिष्टान अर्पित करने के लिए मंत्र: इदं शर्करा घृत युक्त नैवेद्यं ऊं गं गणपतये समर्पयामि:। प्रसाद अर्पित करने के बाद आचमन करायें। इदं आचमनयं ऊं गं गणपतये नम:। इसके बाद पान सुपारी चढ़ायें: इदं ताम्बूल पुगीफल समायुक्तं ऊं गं गणपतये समर्पयामि:। अब एक फूल लेकर गणपति पर चढ़ाएं और बोलें: एष: पुष्पान्जलि ऊं गं गणपतये नम:|

2.  मां सरस्वती - ज्ञान, कला विद्या की देवी मां सरस्वती है। इनके मंत्र ध्यान से बुद्धि विवेक मिलता है, जो किसी भी काम में कामयाबी कुशलता बढ़ाती है। यह देवी सरस्वती मंत्र बोल काम शुरू करें-   श्री सरस्वत्यै नमः।

सरस्वती पूजन -
सबसे पहले माता सरस्वती का ध्यान करें
या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ।।1।।
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं ।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।।
हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम् ।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।2।।

3. गुरुदेव- शास्त्रों  के अनुसार ऐसा  माना जाता है देवता भी गुरु के बिना अधूरे होते हैं। यानी साक्षात ज्ञान स्वरूप गुरु का स्थान देवताओं से भी सबसे ऊपर बताया गया है, क्योंकि गुरु की ज्ञान प्रेरणा शक्ति के बिना किसी भी काम में सफलता या लक्ष्य पाना बिना गुरु के मुमकिन नहीं होता। चाहे वह भक्ति मार्ग का लक्ष्य हो या सांसारिक। इसलिए चाहे सांसारिक हो या आध्यात्मिक गुरु, काम शुरू करने से पहले इस मंत्र से गुरु स्मरण करें -   श्री गुरुभ्यो नमः। 

गुरु स्मरण मंत्र (Guru Mantra)
Gurur Brahma Gurur Vishnu
Gurur Devo Maheshvara
Gurur Sakshat Para Brahman
Tasmai Sri Gurave namaha

गुरूर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुर्साक्षात परब्रह्म , तस्मै श्री गुरुवे नमः॥
लाभ सफलता  के लिए  नियमित ये मंत्र का  स्मरण करे - आपका दिन अच्छा गुजरेगा , हर कार्य मे सफल होगे !



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