Thursday, 12 June 2014

जानिए क्या आश्चर्य है, भगवान भी होते हैं बीमार, आखिर क्या है राज?

जानिए क्या है भगवान की बीमारी का राज
                                   

भगवान श्री कृष्ण धरती पर विष्णु के अवतार के रूप माने माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है। ऐसी मान्यता है कि उड़ीसा स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान आज भी मनुष्य रुप में विराजमान रहते हैं। इसलिए इनकी देख-रेख सेवा सत्कार मनुष्य की तरह ही होती है।
अगर भगवान भी मनुष्य रुप में हैं तो उनका बीमार होना भी स्वभाविक है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान धरती पर मानव रुप  धारण कर , लीला दिखाने आए थे तब स्नान पूर्णिमा यानी ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन अधिक स्नान करने से बीमार हो गए थे।
इसलिए हर वर्ष उस घटना को याद करते हुए स्नान पूर्णिमा के दिन भगवान को 108 घड़ों के जल से स्नान कराया जाता है। इस स्नान  के कारण भगवान बीमार हो जाते हैं।

जानिए कैसे होता है भगवान का उपचार

भगवान के बीमार हो जाने के बाद विशेष  जड़ी बूटियों से इनका उपचार किया जाता है। आम तौर पर जड़ी बूटी के के रूप मे  पीपल, शहद, जावित्री केसर से भगवान का उपचार होता है। ऐसा मानना है कि भगवान का इलाज 26 जून तक लगातार चलता है।
ऐसा मानना है कि ये भगवान के स्वस्थ होने तक मंदिर में सामन्य पूजा अर्चना बंद हो जाती है। मंदिर में घड़ी घंटे भी नहीं बजाए हैं और आरती होती है

भगवान के बीमार होने का दिन इस वर्ष 13 जून है। भगवान के स्वस्थ होने के बाद 29 जून को जगन्नाथ जी की भव्य रथ यात्रा निकलेगी।

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