Thursday, 3 April 2014

दुर्गासप्तशती के ये 5 चमत्कारी मंत्र जीवन मे शुख शांति व धन से कर देगे मालामाल


दुर्गासप्तशती के ये 5 चमत्कारी मंत्र : शुख शांति धन से कर देगे मालामाल!

- नवरात्र मे सुबह-शाम स्नान के बाद लाल वस्त्र पर विराजित देवी लक्ष्मी या दुर्गा की तस्वीर पर कुंकुम, अक्षत, लाल फूल अर्पित करे,  माता को गाय के घी से बने पकवानो का भोग लगाएं। धूप दीप जलाये, मंत्रों का स्मरण हाथ मे लाल फूल अक्षत लेकर करे। मंत्र जप करे तो कम से कम 108 बार करना भी बहुत ही लाभकारी शुभ होता है।

जानिए किस विशेष इच्छा के लिए कौन सा मंत्र चमत्कारी सिद्ध होगा आपके लिए -
रामनवमी क्यो मनाते है

रामनवमी यानि चैत्र मास शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है, इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी का जन्म हुआ था।

भाग्य बाधा दूर करने सौभाग्य की कामना से इस मंत्र का स्मरण करे -

देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि में परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि।।

आप अगर अभाव, दरिद्रता या दुःख से घिरे हुए है, तो इनसे निजात पाने के लिए चैत्र यानी वासंतिक नवरात्र मे नीचे लिखा देवी मंत्र जरूर स्मरण करे -

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्रयःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्दचित्ता।।

कोई भी विशेष कामना या सुख की चाहत घर-परिवार की खुशहाली के लिए नवरात्र मे हर हम सबको इस मंत्र का स्मरण करना चाहिए-

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

हम सबको तन, मन हो या धन, हर तरह से बलवान संपन्न बनने के लिए इस देवी मंत्र का चैत्र नवरात्र में ध्यान बड़ा ही मंगलकारी सिद्ध होता है -

सृष्टिस्थितिविनाशानं शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तुते।।

धन अर्जन, संतान प्राप्ति मे बाधा, संतान को कष्ट, दाम्पत्य समस्याओं या किसी भी तरह की परेशानियो को दूर करने के लिए इस मंत्र से नवरात्र मे शक्ति साधना असरदार संकटमोचक होती है जरुर करे श्रद्धा पूर्वक -

सर्व बाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति संशयः॥

. वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ
    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा

स्कंदमाता की दिव्य उपासना -

नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। ये स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता हैं। इसलिए इन्हें स्कंदमाता नाम से बुलाया जाता है।

इस मंत्र की करें स्तुति:

सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी।।

फल की प्राप्ति -
इनकी उपासना से भक्तों को मोक्ष मिलता है। उपासक अलौकिक तेज और कांतिमय हो जाता है। भवसागर पार करने में उसे किसी भी तरह की कठिनाई नहीं आती है। इनकी उपासना से इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।




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