Tuesday, 1 April 2014

सफलता के मूल-मंत्र


वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
(Shri Ganesh Mantra and Stuti)

Ganesha Mantra Stuti
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटिसमप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजंबूफलचारुभक्षणम्
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्
सुमुखश्चैकदंतश्च कपिलो गजकर्णकः
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो गणाधिपः
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि
विद्यारंभे विवाहे प्रवेशे निर्गमे तथा
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य जायते
गणेश आरती




भगवान श्रीगणेश जी की आरती - 
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त चार भुजाधारी माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा
अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया
दीनन की लाज राखो शम्भु-सुत वारी कामना को पूरी करो जग बलिहारी
सूर श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

भगवान श्रीगणेश के विशेष गणेश मंत्र उपाय -
1.   प्रतिदिन सुबह सूर्योदय से पहले जागें और स्नान करें।
2.   घर या देवालय में पीले वस्त्र पहन श्री गणेश की पूजा सामग्री मे सिंदूर, दूर्वा, गंध, अक्षत, अबीर, गुलाल, सुंगधित फूल, जनेऊ, सुपारी, पान, मौसमी फल भोग में लड्डू अर्पित करें।
3 भगवान श्रीगणेश जी को इन मंत्रों के स्मरण के बाद सुंगधित धूप , घी के दीप से श्री गणेश की आरती सपरिवार श्रद्धा पूर्वक भक्ति से करें
भगवान श्रीगणेश बुद्धि, सिद्धि के दाता होने के साथ भय, चिंता दूर करने वाले  एक मात्र  देवता हैं। यही वजह है कि इन गणेश मंत्रों को बोल श्रीगणेश का ध्यान साल के साथ-साथ पूरी ज़िंदगी कवच की तरह अनचाहे सारे  कष्टों से बचाकर मनचाहे नतीजे पर  पंहुचा देते है -

भगवान श्रीगणेश गायत्री मंत्र-

  एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

भगवान श्रीगणेश-पौराणिक मंत्र-

श्री गणेशाय नम:|
श्री गणेशाय नम:|
भगवान श्रीगणेश सबीज गणपति मंत्र-
- गं गणपतये नम:|

भगवान श्रीगणेश प्रणवादि सबीज गणपति मंत्र-

- गं गणपतये नम:
- गं


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