Wednesday, 2 April 2014

देवी कवच के मंत्रों से नवरात्रि में माँ नवदुर्गा का स्मरण


 देवी कवच के अद्भुत मंत्रों से नवरात्रि पूजा  में माँ नवदुर्गा का स्मरण कैसे करें वह उपाय है -
देवी कवच के अद्भुत मंत्रों से नवरात्रि पूजा  में माँ नवदुर्गा का स्मरण कैसे करें वह उपाय है, जिसका शुभ प्रभाव बुरा से बुरा वक्त टाल खुशहाल कर देता है। जानिए इसके ध्यान करने का सबसे आसान उपाय-

1. इस देवी कवच के स्मरण से पूर्व मातृशक्ति की सामान्य पूजा में लाल गंध, लाल फूल और लाल वस्त्र चढ़ाएं।
2. धूप और दीप प्रज्जवलित कर देवी कवच का उच्चारण करें-

प्रथमं शैलपुत्री द्वितीयं ब्रह्मचारिणी। तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।
पञ्चमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च। सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टकम् ।।
नवमं सिद्धिदात्री नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः। उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ।।
अग्निना दह्यमानस्तु शत्रुमध्ये गतो रणे। विषमे दुर्गमे चैव भयार्ताः शरणं गताः।।
तेषां जायते किंचिदशुभं रणसंकटे। नापदं तस्य पश्यामि शोकदुःखभयं हि।।
जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते।।

अद्भुत प्रभावी मंत्रों का प्रतिदिन स्मरण अवश्य करना चहिये -

1.       सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते ।।
2.       ऊँ जयन्ती मङ्गलाकाली भद्रकाली कपालिनी । दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ।।
3.        
 या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः||
 या देवी सर्वभूतेषु  मातृरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः||
 या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः||
 या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः|||
 या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः||
 या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः||
 या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः||
Note - अंत में माता से जीवन की भय    बाधा से मुक्त रक्षा कर सुख से भरने की प्रार्थना करें।

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